English
मुख्य विषयवस्तु पर जाएं
स्क्रीन रीडर एक्सेस
-अ
अ
+अ
RSHRC
हमारे बारे में
आयोग के बारे में
अध्यक्ष ओर सदस्य
पूर्व अध्यक्ष ओर सदस्य
अधिकारियों की सूचना
उद्देश्य एवं कार्यकलाप
आयोग की गतिविधियां
आदेश
दैनिक आदेश
अधिसूचनायें
परिपत्र
गैलरी
फोटो गैलरी
अधिनियम और नियम
मानवाधिकार अधिनियम, 1993
विनियमन
कर्तव्य "अनुच्छेद 51 ए"
निर्णय
स्वप्रेरणा के मामले
महत्वपूर्ण निर्णय
महत्वपूर्ण आदेश
प्रकाशन
वार्षिक प्रगति रिपोर्ट
रिपोर्ट और दस्तावेज
प्रस्तुतियों
मानवाधिकार मुद्दे
बयान
भाषण
संदेश / साक्षात्कार
पब्लिक कॉर्नर
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
न्यूज़लैटर
खबर और घटनाएँ
शिकायत की प्रक्रिया
शिकायत सांख्यिकी
महत्वपूर्ण प्रपत्र
आपका जानने का अधिकार
प्रेस प्रकाशनी
शिकायत की स्थिति
प्रशिक्षण और अनुसंधान
प्रशिक्षण और मानवाधिकार शिक्षा
अनुसंधान अध्ययन और परियोजनाएं
संपर्क
संपर्क निर्देशिका
कार्यालय का पता
शिकायत की प्रक्रिया
होम
शिकायत की प्रक्रिया
परिवाद दर्ज कराने की प्रक्रिया:
परिवाद हिन्दी अथवा अंग्रेजी भाषा में किया जा सकता है । पर आयोग के स्वनिर्णय से परिवाद अन्य भाषा में भी ग्रहण किया जा सकता है । परिवाद में मानवाधिकारों के उल्लंघन अथवा उल्लंघन को रोकने में हुई अवहेलना या असफलता संगत मूल तथ्यों का तथा आयोग से मांगी गयी राहत का वर्णन होना चाहिए ।
शिकायतकर्ता को कोई फीस नहीं देनी होगी । कोई शपथ-पत्र भी तब तक दायर करना आवश्यक नहीं होगा जब तक समुचित मामले में आयोग वैसा निर्देश न दे ।
शिकायत व्यक्तिगत रूप में दायर की जा सकती है अथवा डाक द्वारा या फैक्स अथवा ई-मेल के माध्यम से rshrc@raj.nic.in के पते पर भेजी जा सकती है ।
उन घटनाओं जो एक वर्ष पहले घटित हुई हों, के संबंध में शिकायत ग्रहण नहीं की जायेगी परन्तु यदि शिकायत आवृति प्रकृति का है तो वैसी शिकायतें भी स्वीकार की जा सकती हैं ।
आयोग द्वारा निम्नलिखित प्रकृति की शिकायतें भी ग्रहण नहीं की जायेगीं?
आमतौर से निम्नलिखित प्रकार की शिकायतों पर आयोग द्वारा कार्रवार्इ नहीं की जाती:
ऐसी घटनाएं जिनकी शिकायतें उनके घटित होने के एक साल बाद की गर्इ हों,
ऐसे मामले जो न्यायालय में विचाराधीन हों,
ऐसी शिकायतें भी जो अस्पष्ट, बिना नाम अथवा छद्मनाम से की गर्इ हों,
ऐसी शिकायतें जो ओछेपन की परिचायक हों,
ऐसी शिकायतें जो सेवा से सम्बन्धित मामलों के बारे में हो।
यदि किसी शिकायत पर अन्य सक्षम आयोग द्वारा पूर्व में ही कार्यवाही आरम्भ की जा चुकी हो।
ऐसी शिकायत जो मूल रूप से किसी अन्य आयोग/अधिकारी/प्राधिकारी को संबोधित की गर्इ हो।
क्या आप चाहतें हैं कि आपके परिवाद/शिकायत पर आयोग द्वारा शीघ्र प्रभावी कार्यवाही हो?
यदि हां तो कृपया अपने परिवार/शिकायत में यथा सम्भव निम्न सूचना अवश्य अंकित करें:-
पीडित व्यक्ति का नाम, पिता/पति का नाम, जाति, निवास का पता-गांव/शहर, डाकघर, पुलिस थाना जिले सहित।
जिस व्यक्ति/अधिकारी/कार्यालय के विरूद्व शिकायत, उसका पूरा विवरण।
शिकायत/घटना/उत्पीड़न का पूरा विवरण (घटना, स्थान, तारीख, महीना वर्ष सहित)
घटना की पुष्टि करने वाले साक्षियों के नाम-पता, यदि ज्ञात हो तो
घटना की पुष्टि में दस्तावेजी सबूत, यदि कोर्इ हो तो,
यदि किसी अन्य अधिकारी/कार्यालय/मंत्रालय को शिकायत भेजी हो तो उसका नाम एवं उस पर यदि कोर्इ कार्यवाही हुर्इ हो तो उसका विवरण।
क्या आपने पूर्व में इस आयोग या राष्ट्रीय आयोग में इस विषय में शिकायत की हैं? यदि हां तो उसका विवरण एवं परिणाम।
क्या इस मामले में किसी फौजदारी/दीवानी/राजस्व अदालत में या विभागीय कोर्इ कार्यवाही हुर्इ या लंबित है? हां तो उसका विवरण। नोट :-
कृपया परिवाद/शिकायत पर हस्ताक्षर/अंगुष्ठ चिन्ह्र नहीं भूलें।
परिवाद/शिकायत सचिव, राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग, जयपुर के पते पर भिजवावें।
आयोग द्वारा शिकायतों की जॉंच किस प्रकार से की जाती है?
मानव अधिकारों के हनन से संबंधित शिकायतों की जांच करते समय आयोग राज्य सरकार अथवा उनके अधीन किसी अन्य प्राधिकरण अथवा संगठन से निर्दिष्ट तारीख तक आयोग को सूचना या रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती तो वह अपनी ओर से स्वयं शिकायत की जांच कर सकता है। दूसरी और ऐसी सूचना या रिपोर्ट प्राप्त होने पर आयोग यदि संतुष्ट हो जाता है कि अब आगे कोर्इ जॉंच करने की जरूरत नहीं है अथवा संबंधित राज्य सरकार या प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित जॉंच शुरू कर दी गर्इ है तो वह, आमतौर से, ऐसी शिकायत पर आगे जॉंच नहीं करेगा तथा तदनुसार शिकायतकर्ता को तत्संबंधी कार्रवार्इ की सूचना दे देगा।
अभिगम्यता विवरण
|
नियम और शर्तें
|
सूचना का अधिकार
|
अस्वीकरण
|
साइट मैप
|
मदद